Shiv chaisa - An Overview
Shiv chaisa - An Overview
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
O Superb Lord, consort of Parvati That you are most merciful . You usually bless the inadequate and pious devotees. Your wonderful variety is adorned While using the moon with your forehead and in your ears are earrings of snakes' hood.
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु shiv chalisa lyricsl की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी